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कविता संग्रह >> राम जियावन बाँच रहे हैं

राम जियावन बाँच रहे हैं

शैलेन्द्र शर्मा

प्रकाशक : ज्ञानोदय प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :104
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16061
आईएसबीएन :978-93-85812-84-2

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कविता संग्रह

 

 

 

 

 

 

अपनी ही बोयी व्यथा, काट रहे हैं लोग
पर कहते बिधि ने लिखा, यह कैसा दुर्योग.

- शैलेन्द्र शर्मा

 

 

 

प्रथम पृष्ठ

    अनुक्रम

  1. आम आदमी की आवाज

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